Sunday, October 27, 2013

अपनाआजडोटकॉम...

फुरसत में कभी पढ़ते थे कॉमिक्स
नहीं आते थे तब गाने ये रीमिक्स

सुबह स्कूल तो शाम को मैदान
पर कंप्यूटर गेम्स है आज की शान

लाईब्रेरी में नहीं साइबर कैफे में है भीड़
युवाओं की है आज सोच ये गंभीर

पाईरेसी बढ़ा रही अनेको वेबसाईट
यहाँ ओरिजिनल इज इक्वल टू माई पर्सनल राईट

ऑरकुट, फेसबुक, ट्विटर, माई स्पेस
नए दोस्त ढूंढने की नई इक रेस

हर एक प्रोफाइल में है सेकड़ों यार
यारों की कमी से है फिर भी बीमार

ई-मेल करना है अब सबसे आसान
पर लेटर पोस्ट करना ले लेता है जान

डायरी लिखना था कल का फ़साना
ब्लोग्स का है ये फास्टट्रेक ज़माना

गूगल में हर पल कुछ खोजने का जतन
आँखें हर पल ढूंढें डाउनलोड बटन

एसएमएस पोल ज्यादा और वोट कम
इसे कहते हैं 'अपनाआजडोटकॉम'

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