Sunday, October 27, 2013

उस यार की अब कोई बात न करो..

उस यार की अब कोई बात न करो,
के जिसने दिल ये मेरा तोड़ दिया है,
उन यादों की अब कोई बात न करो,
के मैंने उम्मीदें लगाना छोड़ दिया है

क्यूं करूँ अब बात मैं उजालों की,
जब मैंने रिश्ता अंधेरों से जोड़ लिया है,
उन महफ़िलों की अब कोई बात न करो,
के मैंने सजना-संवरना छोड़ दिया है

अजब ख़्वाबों की गज़ब ये दुनिया है,
हर ख्वाब में मैंने उसका ज़िक्र किया है,
उन ख्वाबों की अब कोई बात न करो,
के मैंने ख्वाब देखना छोड़ दिया है

आँखों के उन पैमानों से पीया बहुत है,
और नज़रें हटाने में दर्द भी लिया है,
उन निगाहों की अब कोई बात न करो,
के मैंने नज़रें उठाना ही छोड़ दिया है

खूब हंसती-गाती थी कभी जिंदगी ये मेरी,
अब इसने रुसवाइयों का नया मोड़ लिया है,
जिंदादिली की कभी हम भी थे मिसाल,
के अब तो मैंने जीना ही छोड़ दिया है

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